Gandhi jayanti inspiring speech in hindi 2023 बहुत रोचक तथ्य

इस Gandhi jayanti inspiring speech in hindi 2023 पोस्ट के अंतर्गत महात्मा गाँधी जी का जीवन परिचय, जयंती का महत्व, उनके आदर्श, जयंती की परंपरा, देन एवं उनकी विचारधारा पर बहुत ही विस्तृत रूप से भाषण लिखा गया है।

यह Gandhi jayanti speech आपको उनके जीवन को समझने में बहुत ही लाभदायक होगा। तो चलिए पढ़कर समझने Gandhi जी के व्यक्तित्व को समझने का प्रयास करते हैं।

Gandhi jayanti inspiring speech in hindi 2023

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मंच पर उपस्थित आदरणीय अध्यक्षगण जी, आदरणीय अतिथिगण जी, सम्माननीय सदस्यगण जी तथा यहाँ पर उपस्थित सभी मेरे प्यारे मित्रों आप सभी को मेरा प्रणाम। आज मैं इस पावन अवसर पर दो बातें कहना चाहता हूँ।

दोस्तों, हम सब भारत के निवासी हैं। हमारी इस मिट्टी का इतिहास बहुत ही पुराना है। इस संघर्ष भरे इतिहास में स्वतंत्र भारत की नींव है। इस गत इतिहास को याद करने के लिए हम हर वर्ष तीन राष्ट्रीय त्योहार मनाते हैं। जिनमें स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस एवं Gandhi jayanti शामिल हैं।

जैसे कि आप सभी को पता है, आज हम सब यहाँ गाँधी जयंती राष्ट्रीय त्योहार को मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। तो चलिए इस दिवस को और अधिक गहराई से समझने का प्रयास करते हैं।

Mahatma Gandhi जी का जीवन परिचय

नाम मोहनदास करमचंद गाँधी
जन्म 2 अक्तूबर 1869
स्थान पोरबंदर, गुजरात राज्य
पिता करमचंद गाँधी
माता पुतलीबाई
शिक्षा बैरिस्टर
पत्नी कस्तूरबा गाँधी
पुत्र हरिलाल गाँधी, मणिलाल गाँधी, रामदास गाँधी, देवदास गाँधी
मृत्यु 30 जनवरी 1948

Gandhi jayanti inspiring speech in hindi 2023

Mahatma Gandhi जी का जन्म गुजरात राज्य काथेवाड संस्थान के पोरबंदर नामक स्थान में सन् 2 अक्तूबर 1869 को हुआ। इनके पिता का नाम करमचंद गाँधी और माता का नाम पुतलीबाई था। पिता दीवान थे और माता धार्मिक महिला थी। 

Gandhi जी बचपन में पौराणिक कथाएँ तथा सत्य हरिश्चंद्र एवं श्रवणकुमार जैसी नाटकों का बहुत अधिक प्रभाव रहा। इसी के चलते बचपन से ही उन्होंने सत्य वचन को पालन करने का निर्णय लिया।

13 वर्ष की आयु में ही उनका विवाह कस्तूरबा गाँधी जी के साथ हुआ। हाईस्कूल शिक्षा के पश्चात उन्होंने कालेज शिक्षा पाई और आगे की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड जाकर बैरिस्टर की उपाधि प्राप्त की।

दादा अब्दुल्ला के अनुरोध पर गाँधी जी दक्षिण अफ्रिका गए और वहाँ के जनांगीय भेद-भावों को अपने सत्याग्रह आंदोल्न के प्रयोग से मुक्ति दिलवाई। जब वे वहाँ से लौटे तो उसी समय में भारत में भी अंग्रेज़ी प्रशासन के खिलाफ़ आजादी की माँग प्रबल हो रही थी।

1919 से लेकर 1947 तक भारतीय राजनीति में उनका योगदान बहुत ही अनन्यतम है। इसलिए देश के इतिहास के इस काल-खंड को गाँधीयुग कहा जाता है।

Gandhi jayanti का महत्व

महात्मा गाँधी जी व्यक्ति नहीं शक्ति थे। अंग्रेज़ी प्रशासन से भारत को मुक्त कराने में उनका योगदान बहुत ही महत्वपूर्ण है। उस दौर के जनमानस में राष्ट्रीय चेतना जगाकर देश की आजादी के लिए लोगों को प्रेरित करना आसान कार्य नहीं था। अत: जिस लगन से उन्होंने अपने जीवन के पल-पल को देश के लिए समर्पित किया इसकी कोई तुलना नहीं है।

Gandhi jayanti के अवसर पर हम उनके विचार एवं जीवनी से अत्यधिक प्रेरित होते हैं। हम सब उनके विचारों को अनुसरण करने का चाहते हैं, उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलना चाहते हैं, उनके जीवन को याद करना चाहते हैं। इस दृष्टि से Gandhi jayanti ka mahatva और अधिक बढ़ जाता है। इसलिए प्रतिवर्ष 2 अक्तूबर को न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में गाँधी जयंती समारोह को मनाया जाता है।

Gandhi jayanti पर उनके आदर्श

महात्मा गाँधी जी पूरी दुनिया के लिए एक आदर्श पुरुष थे। तो चलिए उनके व्यक्तित्व को समझते हैं-

  • जीवन के अंत तक उन्होंने देश की सेवा की।
  • अपने देश के सम्मान लिए जीवन भर कुर्ता नहीं पहना।
  • जीवन भर सत्य वचनों का पालन किया।
  • पूरी दुनिया को सत्याग्रह की ताकत को समझाया।
  • अहिंसा को जीवन का मंत्र बतलाया।
  • मानवाधिकारों के लिए जीवन भर लढ़ते रहे।
  • समाज की विषमता को दूर कर जात-धर्म का वास्तविक अर्थ बतलाया।
  • ग्राम विकास को राम राज्य से जोड़ा।
  • देश की भाषा हिंदी को बढ़ाव दिया।
  • देश की आजादी  एवं देश की जनता के लिए अपना सारा जीवन समर्पित किया।
  • दुनिया को “बुरा न देखो, बुरा न सुनो और बुरा न बोलो” विचार-धारा से परिचित किया। 

Gandhi Jayanti मनाने की परंपरा

Gandhi jayanti का इतिहास भारत में बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस ऐतिहासिक 2 अक्तूबर को राष्ट्रीय त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन 2 अक्तूबर 1869 को महात्मा गाँधी जी का जन्म हुआ था। अत : हर साल इस दिन उनके जन्मदिन को न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में मनाया जाता है।

भारत में मनाने की परंपरा

Gandhi jayanti का पहला त्योहार भारत में 2 अक्तूबर 1949 से मनाया गया था। इस दिन भारत सरकार द्वारा अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। उस वर्ष से लेकर अब तक हर साल 2 अक्तूबर को गाँधी जयंती को राष्ट्रीय त्योहार के रूप में मनाया जाता है।

विश्व में मनाने की परंपरा

जून 15, 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रावधान पास किया गया कि सन् 2 अक्तूबर 2007 से प्रतिवर्ष गाँधी जयंती के अवसर पर अंतराष्ट्रीय अंहिसा दिवस के रूप में मनाया जायेगा। तब से लेकर अब तक विश्व मंच पर इस जयंती का आचरण हो रहा है।

Mahatma Gandhi जी के योगदान

Mahatma Gandhi जी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के माध्यम से भारत की आज़ादी के लिए सबसे अधिक प्रयास किया। उनके निरंतर प्रयास से ही देश के जनमानस में स्वतंत्रता की चिनगारी लगी और अंत सभी नायकों के संघटित प्रयास से देश आज़ाद हुआ।

स्वतंत्रता संग्राम में योगदान

स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गाँधी जी की योगदान‌ अन्यतम है। जैसे-

  • नमक सत्याग्रह
  • चंपारण आंदोलन
  • असहयोग आंदोलन
  • दांडी मार्च 
  • भारत छोड़ो आंदोलन
  • ख़िलाफत आंदोलन

Mahatma Gandhi जी ने जनता को शिक्षित किया अशांति के खिलाफ अहिंसा को प्रोत्साहित किया और भारतीय स्वराज्य के लिए आंदोलन की आवाज बुलंद की।

गांधीजी की सबसे प्रसिद्ध और मशहूर आंदोलन दांडी मार्च 1930 में हुआ था। इसमें वे दूर्गंधीर में से निकलकर 386 किलोमीटर तक चले और समुद्रतट गांधीग्राम में नमक छोड़ने के लिए गये। यह आंदोलन गुजराती क्षेत्र में नमकारण विधि के खिलाफ विरोध की भयावहता चर्चा करता है। दांडी मार्च भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का महत्वपूर्ण प्रमुख ऊंचा स्मारक माना जाता है।

समाज सुधार में योगदान

महात्मा गांधी ने भारत की स्वतंत्रता के बाद राजनीतिक जीवन से संयम रखते हुए देश के सामाजिक आर्थिक और धार्मिक मुद्दों पर दृष्टिकोण प्रदान किया। जैसे-

  • हिंदी-चीनी संघर्ष।
  • आदिवासी और अनुसूचित जनजाति के अधिकारों की रक्षा।
  • एकीकृत जाति टीका के विरोध में उपवास।
  • स्वदेशी चीजों को खरीदकर घरेलू अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का आंदोलन।
  • धसंव विरोध में आंदोलन जैसे अनेक आंदोलन संगठित किए।

इन सब के अलावा महात्मा गांधी जी ने ग्राम राज्य, हिंदू-मुस्लिम एकता, शिक्षा की आवश्यकता आदि सामाजिक सुधार के लिए भर सक प्रयास किया है।

Gandhi jayanti पर उनकी विचार-धारा

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  1. मोहनदास करमचंद गांधी जिन्हें महात्मा गांधी के रूप में भी जाना जाता है एक महान आत्मा और भारतीय स्वतंत्रता के एक महानायक थे। उनके विचार इतने गहरे और महत्वपूर्ण हैं कि उन्हें गांधीवादी विचार-धारा के रूप में जाना जाता है। यह विचार-धारा अहिंसा, सत्य, आत्मसमर्पण, आध्यात्मिकता और सामरिक विचारशीलता पर आधारित हैं।

अहिंसा का अर्थ है अनावश्यक हिंसा से पूरी तरह से दूर रहना। इस विचार को हम गाँधीवाद की प्रमुख विशेषता कह सकते हैं। महात्मा गाँधी जी ने इस सिद्धांत को अपनाकर न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में हम सब को इसे स्वीकार करने के लिए प्रेरित किया है।

अहिंसा विकास और प्रगति की नींव है और यह लोगों को साथ लाने और एकता को बढ़ाने का माध्यम है। वे विश्वास करते थे कि सत्य और आदर्श जीवन के लिए अहिंसा बहुत ही महत्वपूर्ण है। गाँधीजी ने आत्मसमर्पण और स्वयंसेवा को बहुत ही महत्वपूर्ण माना था। इसकी पुष्टि को हम उनके द्वारा प्रदर्शित किए गए कार्यों में देख सकते हैं।

Mahatma Gandhi सत्याग्रह के माध्यम से अपनी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की संगठना की और लोगों को नौकरी छोड़ने और लाठीचार्ज और जेल जाने के बजाय स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया।

गाँधीवाद का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा आध्यात्मिकता है जो आत्म विकास, मनोयोग और आत्म संयम के लिए महत्वपूर्ण है।

गाँधी जी आंदोलन के अलावा भी अपनी जीवन शैली, र्यावरण और समाज सुधार के सम्बन्ध में एक सटीक दृष्टिकोण रखते थे। उन्होंने आहार, वस्त्र और दवा के लिए स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत की। जिसकी बदौलत लोगों में  सामरिक और आर्थिक रूप से स्वावलंबी की सोच उत्पन्न हुई। सामरिक विचारशीलता भी गाँधीवादी विचार-धारा का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

Gandhi jayanti speech का निष्कर्ष

भारत की आज़ादी में Mahatma Gandhi जी की देन अद्वितीय है। आफ्रीका से लौटकर जीवन के अंत तक उन्होंने बड़ी तन्मयता से देश की सेवा की है। आज आप और हम भारत देश के नाम सो जो सम्मान पा रहे हैं उसके पीछे हमारे इस महानायक की भूमिका बहुत बड़ी है।

आज के इस वर्तमान समय में भी गाँधी जी के विचार बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने हमें आधारभूत मानवीय मूल्यों और न्याय के प्रति समर्पण करने की आवश्यकता को समझाया है। इसके अलावा भी उन्होंने अपनी गाँधीवादी विचार-धारा, आत्मनिर्भरता, सामरिक समयोजन और मानवीय सहयोग के माध्यम से सामरिक परिस्थितियों का सामना करने के लिए मार्गदर्शन दिया है। 

उनका योगदान धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक सद्भावना और विश्वशांति के माध्यम से एक बेहतर और समृद्ध विश्व के लिए एक प्रेरणा बना रहा है।

मुझे Gandhi jayanti के इस अवसर पर दो बातें कहने के लिए मौका दिए हुए आप सभी को मेरा धन्यवाद। साथ ही आप सभी को गाँधी जयंती की ढेर सारी बधाईयाँ।

इसी दिन देश के दूसरे प्रधानमंत्री श्री लालबहादुर शास्त्री जी की भी जयंती है। साथियों, थोड़ा सा समय निकालकर निम्न पोस्ट को भी जरूर पढ़े।

अवश्य पढ़ें : Lal Bahadur Shastri Jayanti Best Speech in Hindi 2023

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FAQs

1. गाँधी जयंती क्यों मनाई जाती है?

Ans : महात्मा गाँधी जी ने अंग्रेज़ी प्रशासन से भारत को मुक्त कराने में उनका योगदान बहुत बड़ा योगदान दिया है।

उन्होंने जनमानस में राष्ट्रीय चेतना, सत्य, अहिंसा, शांति, आत्मनिर्भरता, सामरिक सहयोग, धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक सद्भाव आदि गुणों को जगाकर देश के लोगों को प्रेरित किया है। अतः उनके व्यक्तित्व को जानकार आचरण करने के लिए गाँधी जयंती मनाई जाती है।

2. गाँधी जयंती का इतिहास क्या है?

Ans : 2 अक्तूबर 1869 को महात्मा गाँधी जी का जन्म हुआ था। तभी से Gandhi jayanti का इतिहास प्रारंभ होता है।

3. गाँधी जयंती के अवसर पर कौन-कौन सी गतिविधियाँ होती है?

Ans : सरकार के सभी कार्यालयों में Gandhi jayanti का आयोजन होता है। उनकी विचारधारा का पालन होता है। उनका प्रिय भजन “रघुपति राघव राजा राम” को गाया जाता है। साथ ही अपने आसपास के वातावरण की सफाई की जाती है।

4. गाँधी जी की मृत्यु कब हुई ?

Ans : गाँधी जी की मृत्यु 30 जनवरी 1948 को हुई है।

5. भारत में पहली गाँधी जयंती कब मनाई गई‌ है?

Ans : भारत में पहली गाँधी जयंती 2 अक्तूबर 1949 से मनाई गई है।

6. विश्व में पहली बार गाँधी जयंती कब मनाई गई है?

Ans : विश्व में पहली बार गाँधी जयंती 2 अक्तूबर 2007 को मनाई गई है।

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