The Lal bahadur shastri jayanti amazing speech in hindi 2023

इस पोस्ट के अंतर्गत Lal Bahadur Shastri Jayanti Speech in Hindi विषय को बहुत ही रोचक तथ्यों के साथ लिखा गया है। जैसे – Laal bahadur shastri जी की जीवनी, बाल्यकाल, शैक्षिक जीवन, पारिवारिक जीवन, राजनीतिक जीवन, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, मंत्री के रूप में सेवा, प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल, लाल बहादुर शास्त्री जी की मृत्यु, शास्त्री जी के विचार, जयंती का महत्व आदि।

Lal bahadur shastri jayanti amazing hindi speech -2023

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दोस्तों, Lal Bahadur Shastri Jayanti भारत के राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है जो हर साल 2 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्मदिन मनाया जाता है।

लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने देश के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। साधारण रहन-सहन अपनाकर समस्त देशवासियों के मन में बसनेवाले महानायक की जीवनी को समझना हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। तो चलिए पढ़कर उनके जीवन को समझते हैं।

Key Takeaways

  • Lal bahadur shastri jayanti भारत के राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है जो हर साल 2 अक्टूबर को मनाया जाता है।
  • Lal bahadur shastri भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने देश के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।
  • Lal bahadur shastri की जयंती के दिन उन्हें याद करने के लिए लोग भाषण देते हैं जो उनके जीवन के बारे में बताते हैं और उनके विचारों को याद करते हैं।

Lal bahadur shastri जीवनी

नाम लाल बहादुर शास्त्री
जन्म 2 अक्टूबर 1904
स्थान मुगल सराय (उ.प्र)
पिता शारदा प्रसाद श्रीवास्तव
माता रामदुलारी देवी
शिक्षा शास्त्री (स्नातक उपाधि)
पत्नी ललितादेवी
मृत्यु 11 /01/1966

Lal bahadur shastri का बाल्यकाल

लाल बहादुर का जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगल सराय नामक गाँव में एक गरीब परिवार में हुआ था।  पिता शारदा प्रसाद श्रीवास्तव एक गरीब शिक्षक थे। बाद में उन्होंने रेलवे विभाग में क्लर्क के रूप में कार्य किया। माँ रामदुलारी देवी सादगी की दूसरी मिसाल थी।

लाल बहादुर जब केवल दो वर्ष के थे तब उनके पिता का निधन हो गया।  अतः उनका पालन-पोषण उनके दादा हजारी लाल ने किया। हजारीलाल शास्त्री की माता के पिता थे। लाल बहादुर शास्त्री का बचपन बहुत ही गरीबी में रहा। अतः उन्हें बचपन से ही गरीबी का अनुभव हुआ था।

Lal bahadur shastri का शैक्षिक जीवन

लाल बहादुर जी की आरंभिक शिक्षा हरिश्चंद्र स्कूल से प्रारंभ हुई। आगे उन्होंने काशी विद्यापीठ से शास्त्री नामक स्नातक उपाधि को प्राप्त किया। इससे पहले उनके परिवार के नाम के रूप में चले आ रहे श्रीवास्तव नाम को छोड़कर उन्होंने शास्त्री नाम को अपनाया। उसके पश्चात उनका नाम Lal bahadur shastri बन गया।

Lal bahadur shastri का पारिवारिक जीवन

1927 में शास्त्री जी का विवाह ललितादेवी जी के साथ हुआ था। यह एक बहुत ही साधारण शादी थी। ससुर गणेश प्रसाद जी का उपहार एक चरक और कुछ सूत था!  संभवतः शास्त्री जी ने ही साधारण विवाह को प्राथमिकता दी थी। आगे चलकर इस दंपति के छः संतान हुए।

  • कुसुम शास्त्री (पुत्री)
  • सुमन शास्त्री (पुत्री)
  • हरिकृष्ण शास्त्री (पुत्र)
  • अनिल शास्त्री (पुत्र)
  • सुनील शास्त्री (पुत्र)
  • अशोक शास्त्री (पुत्र)

Lal bahadur shastri का  राजनीतिक जीवन

Lal bahadur shastri जी की देशभक्ति तभी से जागृत हो गई थी जब वे विद्यार्थी थे। बाल गंगाधर तिलक एवं महात्मा गाँधी जी के भाषणों से वे प्रभावित हुआ करते थे। 1921 में जब गाँधीजी ने असहयोग आंदोलन शुरू किया तब लाल बहादुर सिर्फ सत्रह वर्ष के थे। वे हाईस्कूल में पढ़ रहा थे तभी उन्होंने आंदोलन में भाग लिया और पुलिस के द्वारा बंदी बन गये।

Lal bahadur shastri के योगदान

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम

Lal bahadur shastri जी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता थे। उन्होंने गांधीजी के साथ संगठित कार्यकर्ताओं की एक टीम के रूप में काम किया था। उन्होंने अपने जीवन के दौरान केई बार ब्रिटिश सरकार के खिलाफ सत्याग्रह आंदोलन में भाग लिया था।

Lal bahadur shastri जी को शुरू से ही अपनी ख़ुशी से ज़्यादा देश सेवा की चिंता थी। समाज के पिछड़े वर्ग को ऊपर उठाने के लिए हरिजन सेवा में लगे रहे। वह गोखले द्वारा स्थापित ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी‘ नामक संगठन में शामिल हो गये।

शास्त्री ने 1930 में गांधीजी के नमक सत्याग्रह में भाग लिया। वह स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े और कई बार जेल गए। जेल में शास्त्री जी बिना समय बर्बाद किये धर्मग्रंथ पढ़ने में व्यस्त रहते थे। साथ ही वहीं से गाँधीजी की अनुशासन परम्परा को अपनाना‌ प्रारंभ किया। वे अपने जीवन के अंतिम दिनों तक सत्य और अहिंसा के पक्ष में खड़े रहे।

मंत्री के रूप में सेवा

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Lal bahadur shastri जी को 1936 में उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य के रूप में चुना गया। उन्होंने गृहमंत्री के रूप में उत्तर प्रदेश राज्य में उत्कृष्ट सेवाएँ प्रदान कीं। स्वतंत्रता के बाद, उन्होंने नेहरू के मंत्रिमंडल में रेल और परिवहन मंत्री के रूप में कार्य किया।

इसी मंत्री पद के दौरान जब तमिलनाडु में एक रेल दुर्घटना में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई तो उन्होंने नैतिक आधार पर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। वे मानते थे कि इस त्रासदी के लिए वे जिम्मेदार हैं। बाद में उन्होंने वाणिज्य मंत्री के रूप में भी सेवा प्रदान की।

लाल बहादुर शास्त्री ने भारतीय राजनीति में अपना अहम योगदान दिया है। 1964 में उन्होंने पंजाब राज्य के लुधियाना में आयोजित किए गए एक सम्मेलन में दावा किया था कि वे जिंदगी भर एक शासक की तरह न रहकर एक आम आदमी के रूप में रहेंगे। 

प्रधानमंत्री के रूप में

27 मई 1964 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की मृत्यु हो गई। सबके सामने यही प्रश्न था कि नेहरू जी के उत्तराधिकारी के रूप में किसका चयन करें। अंत में सभी ने तय किया की साफ सुथरी छवि के कारण उत्तराधिकारी के रूप में Lal bahadur shastri जी का चयन किया जाए।

लाल बहादुर शास्त्री जी ने 9 जून 1964 को भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। उन्होंने अपने कार्यकाल में भारत की गरीबी और भूखमरी के मुद्दों को हल करने के लिए कई कदम उठाए। उन्होंने शूद्रों, आदिवासियों और महिलाओं के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की।

शास्त्री जी देश को एक समृद्ध और विकसित देश बनाना चाहते थे, इसके लिए उन्होंने अपने जीवन के अंत प्रयास किया। उन्होंने देश के लिए बहुत सारे योजनाएँ बनाईं और उनके द्वारा शुरू की गई कुछ योजनाएँ अभी भी चल रही हैं।

Lal bahadur shastri की मृत्यु

अगस्त 1965 में पाकिस्तान ने भारत पर हमला कर दिया। ऐसे में जब भारत के दुश्मन चीन ने पाकिस्तान की मदद करने का फैसला किया तो हर तरफ विश्व युद्ध का डर फैल गया। तब शास्त्रीजी ने भारत की जनता और वीर योद्धाओं का हौसला बढ़ाया और देश के लिए अपने आप को समर्पित करने के लिए प्रेरित किया।

युद्ध की गंभीरता देख रूस ने भारत और पाकिस्तान के बीच में समझौता करवाने के लिए दोनों देशों को ताशकंद में आमंत्रित किया। उस समय कोसिगिन रूस के प्रधान मंत्री थे। बैठक में शास्त्री जी और पाकिस्तान के अयूब खान दोनों शामिल हुए, शांति वार्ता हुई और दोनों देशों के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किये गये।

वह 11 जनवरी, 1966 का दिन था। लेकिन अफसोस! उसी रात आधी रात को Lal bahadur shastri की मृत्यु हो गई। शास्त्रीजी, एक बहादुर सैनिक, जिन्होंने अपना पूरा जीवन देश के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया, उनके लिए यह असहज मृत्यु थी।

Lal bahadur shastri के विचार

Lal bahadur shastri एक ऐसे राजनेता थे जो अपने समय में बहुत लोकप्रिय थे। उन्होंने अपने जीवन के दौरान कई महत्वपूर्ण विचारों को जनता के सामने रखा था। उनके विचारों में से कुछ इस प्रकार हैं:

  • जय जवान, जय किसान” – (जवान का मतलब योद्धा, किसान का मतलब खेती करने वाला किसान) यह नारा शास्त्री जी द्वारा दिया गया था, जो आज भी भारत के लोगों के दिलों में बसा हुआ है। उन्होंने इस नारे से भारत के सेना और किसानों को सम्मान दिया था।
  • जीवन का अर्थ तो खुशियों से मिलता है, दुःखों से नहीं।” – शास्त्री जी ने इस वाक्य के माध्यम से लोगों को बताया कि खुशी हमेशा अपने जीवन में खोजनी चाहिए।
  • अगर आप अपने देश के लिए कुछ करना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपने घर को साफ रखें।” – शास्त्री जी ने इस वाक्य के माध्यम से लोगों को बताया कि देश के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज हमारे घर होते हैं।

Lal bahadur shastri के विचारों का महत्व आज भी हमारे जीवन में है। उनके विचारों को अपनाकर हम अपने जीवन को और भी सुखद बना सकते हैं।

Lal bahadur shastri jayanti का महत्व

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लाल बहादुर शास्त्री जयंती भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण दिन है। यह दिन लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जो भारत के पूर्व प्रधानमंत्री थे। इस दिन को वर्ष 2023 में 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन को देश भर में उनकी जयंती के रूप में मनाया जाएगा।

Lal bahadur shastri एक बेहद शांतिप्रिय व्यक्ति थे जिन्होंने अपने जीवन में देश की सेवा की। वे अपने समझदार नेतृत्व के कारण जाने जाते हैं। उन्होंने अपने जीवन के दौरान देश के लिए बहुत सारे काम किए। उन्होंने देश के लिए अपना सबसे बड़ा बलिदान दिया। इसलिए उन्हें देशभक्ति के प्रतीक के रूप में सम्मानित किया जाता है।

Lal bahadur shastri जयंती का महत्व उनके जीवन और उनके कार्यों को समझने के लिए बहुत अधिक है। इस दिन को देशभर में उनकी याद में जश्न मनाया जाता है। इस दिन के अवसर पर विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में भाषण और विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।

इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लाल बहादुर शास्त्री जैसे महान नेताओं को याद करना है जो हमेशा देश के लिए अपना सबसे अच्छा करते रहे हैं। इस दिन को मनाकर हम उनके द्वारा की गई सेवा को सम्मानित करते हैं।

Lal bahadur shastri jayanti निष्कर्ष

अपने छोटे से कार्यकाल के दौरान, Lal bahadur shastri ने न केवल किसानों की प्रगति के लिए काम किया, बल्कि आसान ब्याज ऋण, सिंचाई सुविधा, अच्छे बीज की भी मांग की। और उन्हें उन्नत उपकरणों से लैस कर भविष्य के खाद्य को सुनश्चित किया।

गरीबी में जन्मे और गरीबी में पले-बढ़े शास्त्रीजी सत्ता की दौलत की उम्मीद किए बिना सभी भारतीयों के प्रिय नेता थे। अपने जीवनकाल के दौरान, उन्हें सात बार गिरफ्तार किया गया और नौ साल जेल में बिताए।

जब उनकी बेटी की मृत्यु हो गई और उनका बेटा बीमारी से पीड़ित था तब भी उन्होंने परिवार और रिश्तेदारी को छोड़कर देश की आज़ादी की चिंता थी।

भारत के ऐसे ईमानदार नेता का जन्मदिन राष्ट्रपिता गाँधीजी के जन्मदिन के साथ मेल खाना एक महान व्यक्ति के जीवन का प्रमाण है। 2 अक्टूबर को पूरा भारत इन दोनों New India निर्माताओं का जन्मदिन मनाएगा और उनके द्वारा स्थापित आदर्शों पर चलने का संकल्प लेगा। सभी को Lal bahadur shastri jayanti की ढेर सारी शुभकामनाएँ।

दोस्तों, यह पोस्ट आपको कैसी लगी जरूर अपने विचारों को Comments box में लिखिएगा । धन्यवाद।

FAQs

1. लाल बहादुर शास्त्री जी के जीवन से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?

लाल बहादुर शास्त्री जी के जीवन से हमें दृढ़ता, निष्ठा और समर्पण की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने अपनी जिंदगी भर देश के लिए समर्पित कर दिया था।

2. लाल बहादुर शास्त्री जी की सबसे बड़ी विशेषता क्या थी?

लाल बहादुर शास्त्री जी की सबसे बड़ी विशेषता थी उनकी सीधी बात और दृढ़ निश्चय। वे अपने नारे “जय जवान जय किसान” के माध्यम से देश की जनता के दिलों में बस गए थे।

3. लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती क्यों मनाई जाती है?

लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती उनकी जन्म तिथि के अनुसार मनाई जाती है। यह दिन देशभक्ति और समर्पण की भावना को जीवंत रखने के लिए मनाया जाता है।

4. लाल बहादुर शास्त्री जी के नारे क्या है?

लाल बहादुर शास्त्री जी के नारे “जय जवान जय किसान” हैं। इन नारों के माध्यम से उन्होंने देश की जनता को एकजुट करने का संदेश दिया था।

5. लाल बहादुर शास्त्री जी के जन्म की तारीख क्या है?

लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को हुआ था।

6. लाल बहादुर शास्त्री जी के जीवन पर बनी फिल्म कौन सी है?

लाल बहादुर शास्त्री जी के जीवन पर बनी फिल्म “लाल बहादुर शास्त्री

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